ए मेरी श्रीमती || Funny Poetry in Hindi
ए मेरी श्रीमती
तुझे मालूम नही
तुझे मालूम नही
मैं हूँ कितना गरीब
और तू कितनी खर्चीली मेरी जान
करदे मुझपे अहसान अहसान अहसान...
तेरा ब्यूटी पार्लर में जाना
और इतना पाउडर लगाना
है तू फिर वैसी की वैसी
फिर काहे की इतना खर्च कराना
तेरा खर्चा जा रहा बजट से बाहर मेरी जान
तू करदे मुझपे अहसान अहसान अहसान...
अरे रे रे सैया मेरे
काहे को करता नखरे
जब तेरे बसकी नही थे करने मेरे खर्चे
तो काहे को तूने ब्याह रचाया
काहे को किया ये स्वांग स्वांग स्वांग...
1000 के लाली पौडर में इतनी हद्द करते हो
फिर क्यों 500 का खुद ही चट करते हो
मुझसे दूरी बनालो खरचा खुद ब खुद कम हो जायेगा
मुझे न मालूम था मेरी किस्मत में कंजूस आएगा
आज से मैं तेरे लिए अनजान
जा कर दिया तूझपे अहसान अहसान अहसान...
अरे मेरी श्रीमती
क्यो इतने गुस्से से भरी
मुझसे हो गयी गलती
मुझे तू माफ करदे
चाहे कर जितने खर्चे
पर न जाने का तू ले नाम नाम नाम
करदे ये आखिरी अहसान अहसान अहसान...