इंजीनियरिंग तो बोहत की होगी || Poetry On Engineering In Hindi

Poetry On Engineering In Hindi

Poetry On Engineering In Hindi


इंजीनियरिंग तो बोहत की होगी || Poetry On Engineering In Hindi

इंजीनियरिंग तो बोहत की होगी,
पर मेकैनिकल से करो तो माने

लैंग्वेजेज तो बोहत पढ़ी होंगी,
अल्फा बीटा गामा पढ़े तो माने

आस पास घूमते होंगे हसीन चेहरे बहोत,
चार साल छड़ो में गुजारे तो माने

वो इंजीनियरिंग वाला प्यार,
वो मेरी है मेरी है कहकर तकरार

वो टीचर के मुड़ने पे सीटी मारना,
वो खिड़की से लड़कियों को निहारना

वो रोज लेक्चर में लेट आना,
फिर वो टीचर का बाहर भगाना

फिर वो कैंटीन में पार्टी करना,
ओर पार्टी करने के बाद बिल ना चुका पाना

फिर दोस्त की शक्ल की तरफ देखना,
कल बिल पक्का मैं दूंगा का वादा करना

सब जानते हुए भी वो दोस्त बिल भरना,
बचे हुए चिल्लर की सेंटर फ्रूट खरीदना

वो रोज क्लास का बंक करना,
वो टोपर के नोट्स चोरी करना

वो रोज डायरेक्टर का समझाना,
वो बुढऊ HOD सर का सर खाना

वो कागज के हवाई जहाज बनाना,
उन हवाई जहाजो का मिस के बालों में अटक जाना

वो पूरा दिन क्लास में हा हुल्ला मचाना,
डायरेक्टर रहा है सुनते ही सन्नाटा छा जाना

वो लाइब्रेरी में चुपके चुपके उसे देखना,
उसके देख लेने पर खुद शर्माना

कुछ भी कहो जीवन का वो अनमोल समय था
जीवन का असल सुख उन छोटी छोटी चीजो में मिला था

 लेखक:- लव पांचाल


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