सुभाष चन्द्र बोस || Patriotic Poetry In Hindi
अरे नासमझों इस बात को तुम समझो,
उसको प्यार था स्वराज्य, उसको देश प्यारा था,
आजादी ही उसका लक्ष्य, आजादी ही नारा था।
बस कुछ मूर्खो की मूर्खता का ये परिणाम होगया
चाचा भतीजावाद की कायर राजनीति का ये परिणाम होगया
आज नेताजी इतिहास के पन्नो में दफन बस एक नाम होगया।
जो प्यारी होती सत्ता तो वो भी चाट सकता था
जो होता वो भी कायर तो भाग सकता था
यूँ वीरो की भांति ना वीरो को आवाज लगाता
जो प्यारी होती सत्ता तो ना कुर्बानी को अपना शीश सजाता
उसको न नोटो पे फ़ोटो की कोई भूख थी
उस बिरले के दिल तो वंदे मातरम की गूंज थी।
अरे नासमझों....
कुरेदो कुरेदो इतिहास के उन सारे पन्नो को
जो कहते है निगल गया हेलीकॉप्टर हमारे नेता को,
भला ऐसे, भला ऐसे कैसे हो सकता है
एक सूरज को कैसे दिया निगल सकता है
साजिश थी वो साजिश थी सत्ता को हथियाने की
मौत हुई, हादसा हुआ पर कोई ब्यौरा नही ये कैसे हो सकता है।
अरे नासमझों...
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